सायबर अपराधों की रोकथाम के लिए आगर मालवा सायबर पुलिस द्वारा महाविद्यालय में सायबर सुरक्षा एवं जागरुकता अभियान का आयोजन
पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार सिंह द्वारा सायबर अपराधो की बढती घटनाओं पर अंकुश लगाने व सायबर अपराधो के प्रति जागरुकता फैलाने हेतु निर्देशित किया गया। निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुश्री निशा रेड्डी व अनुविभागीय पुलिस अधिकारी आगर श्री मोतीलाल कुशवाहा व अनुविभागीय पुलिस अधिकारी सुसनेर श्री देवनारायण यादव के निर्देशन में जिला सायबर टीम द्वारा जिले के विभिन्न महाविद्यालयों में सायबर सुरक्षा एवं जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य छात्रों को तेजी से बढ़ रहे सायबर अपराधों और मोबाइल चोरी के खतरों के प्रति सतर्क करना और उन्हें सुरक्षित ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यवहार के बारे में जानकारी देना था। इस पहल में स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय सुसनेर ,सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा , शासकीय महाविद्यालय बड़ौद,शासकीय महाविद्यालय सोयत,प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय आगर मालवा आदि संस्थाओ में जिला पुलिस सायबर टीम व खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रशिक्षको द्वारा व्याख्यान दिया गया।
इसी क्रम में आगर मालवा जिला सायबर सेल प्रभारी श्री जितेंद्र सिंह चौहान और उनकी टीम ने दिनाँक 23.09.2024 से 27.07.2024 तक विभिन्न महाविद्यालयों में छात्रों को सायबर अपराधों से बचने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। प्रधान आरक्षक सुब्रतो शर्मा, वीरेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, और खेल एवं युवा कल्याण विभाग के रेम सिंह चौहान, पवन उचेड़िया, महेश पाटीदार भी शामिल रहे । सभी महाविद्यालयों में सायबर सुरक्षा एवं जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया। पुलिस सायबर टीम ने सायबर सिक्योरिटी के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से निम्नलिखित विषयों पर जानकारी प्रदान की।
सायबर धोखाधड़ी और मोबाइल चोरी के प्रकार:
1. फिशिंग (Phishing) :
यह सायबर धोखाधड़ी का सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें अपराधी नकली ईमेल या मैसेज भेजकर लोगों से उनकी गोपनीय जानकारी चुराते हैं। फिशिंग ईमेल में दी गई लिंक पर क्लिक करने या अटैचमेंट खोलने से आपकी संवेदनशील जानकारी जैसे बैंकिंग डिटेल्स, पासवर्ड आदि चोरी हो सकते हैं।
2. मैलवेयर अटैक (Malware Attack):
मैलवेयर एक हानिकारक सॉफ़्टवेयर है जो कंप्यूटर या मोबाइल फोन में घुसकर डेटा चुराता है। यह वायरस, ट्रोजन, रैंसमवेयर आदि के रूप में हो सकता है, जो आपके व्यक्तिगत डेटा को हैक कर सकता है।
3. ऑनलाइन बैंकिंग और शॉपिंग फ्रॉड:
नकली बैंकिंग पोर्टल्स और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के जरिए अपराधी आपकी बैंकिंग जानकारी और पैसे चुराते हैं। कई बार ये वेबसाइट्स असली वेबसाइट्स की तरह दिखती हैं, जिससे लोग धोखा खा जाते हैं।
4. मोबाइल फोन चोरी (Mobile Theft):
मोबाइल फोन चोरी अब एक बड़ी समस्या बन गई है। अपराधी चोरी किए गए मोबाइल को बेचने या उसका दुरुपयोग करने के लिए उसका IMEI नंबर बदल देते हैं। इसके अलावा, अगर फोन में बैंकिंग या अन्य गोपनीय जानकारी होती है, तो उसका भी गलत उपयोग हो सकता है।
CIER पोर्टल की जानकारी:
जिला सायबर पुलिस ने छात्रों को CIER पोर्टल के बारे में जानकारी दी, जो कि मोबाइल चोरी के मामलों में सहायक है। CIER (Central Equipment Identity Register) पोर्टल एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करना और उसे ट्रैक करना है। इस पोर्टल के माध्यम से, मोबाइल उपयोगकर्ता अपने चोरी या गुम हुए फोन का IMEI नंबर पंजीकृत कर सकते हैं, जिससे वह फोन किसी भी भारतीय नेटवर्क पर उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
CIER पोर्टल का उपयोग कैसे करें:
1. मोबाइल चोरी या गुम होने पर:
अगर आपका मोबाइल चोरी हो जाता है या गुम हो जाता है, तो सबसे पहले आपको पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए।
2. IMEI नंबर की पंजीकरण:
चोरी या गुम हुए फोन का IMEI नंबर CIER पोर्टल पर पंजीकृत करें। यह नंबर हर फोन के बॉक्स या बिल पर होता है।
3. मोबाइल को ब्लॉक करना:
एक बार IMEI नंबर पोर्टल पर पंजीकृत हो जाने के बाद, वह मोबाइल फोन किसी भी मोबाइल नेटवर्क पर काम नहीं करेगा। इससे फोन का गलत उपयोग रोका जा सकेगा।
4. फोन का पता लगाना:
CIER पोर्टल और पुलिस की मदद से फोन के लोकेशन का पता लगाने में भी सहायता मिल सकती है।
सायबर और मोबाइल धोखाधड़ी से बचने के उपाय:
1. अज्ञात ईमेल, लिंक या कॉल से सावधान रहें:
किसी अज्ञात व्यक्ति या स्रोत से प्राप्त ईमेल, मैसेज या कॉल पर कोई भी गोपनीय जानकारी न साझा करें। किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
2. मजबूत पासवर्ड और टू –स्टेप-वेरीफिकेशन का उपयोग करें:
अपने मोबाइल फोन और ऑनलाइन खातों की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड टू –स्टेप-वेरीफिकेशन का उपयोग करें।
3. CIER पोर्टल का उपयोग करें:
मोबाइल चोरी या गुम होने की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें और CIER पोर्टल पर IMEI नंबर पंजीकृत कर अपने मोबाइल को ब्लॉक कराएं।
4. सुरक्षित वेबसाइट और ऐप्स का उपयोग करें:
हमेशा भरोसेमंद वेबसाइट और ऐप्स से ही ऑनलाइन खरीदारी करें और संदिग्ध या अविश्वसनीय स्रोतों से ऐप्स डाउनलोड न करें।
5. नियमित बैकअप रखें:
अपने मोबाइल फोन का डेटा नियमित रूप से बैकअप में रखें ताकि मोबाइल चोरी या गुम होने पर आपका डेटा सुरक्षित रहे।
पुलिस की अपील:
जिला पुलिस सभी छात्रों और नागरिकों से अपील करती है कि वे सायबर अपराध और मोबाइल चोरी के खतरों के प्रति सतर्क रहें। इंटरनेट और मोबाइल फोन का उपयोग करते समय सुरक्षा के सभी उपाय अपनाएं और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या चोरी होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें। CIER पोर्टल का उपयोग करके अपने चोरी हुए फोन को ब्लॉक कराएं ताकि उसका दुरुपयोग रोका जा सके।
इस अभियान का उद्देश्य छात्रों को सायबर अपराधों के प्रति जागरूक करना और उन्हें सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार के लिए तैयार करना है। पुलिस विभाग ने छात्रों से अपील की है कि वे इन सुझावों को गंभीरता से लें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट अवश्य करें। सायबर सुरक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। आइए, हम सभी मिलकर एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण का निर्माण करें।