“आगर मालवा में लैंगिक अपराधों और बाल संरक्षण पर SJPU और CWPO के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित”
आज दिनांक 21 दिसंबर 2024 को मधुबन गार्डन, सारंगपुर रोड, आगर मालवा में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO Act), भारतीय न्याय संहिता, 2024 (BNS), और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2024 (BNSS) के प्रावधानों पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चो पर होने वाली लैंगिक हिंसा की रोकथाम करना एवं समाज मे बढ़ रहे अपराधों की रोकथाम करना है। साथ ही समाज एवं बच्चो में हिंसा के प्रति जागरूकता फेलाना है। साथ ही सभी विभाग को मिलकर हिंसा से पीड़ित सर्वाइवर को बेहतर सुविधा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम का आयोजन पुलिस विभाग और जन साहस संस्था के संयुक्त प्रयास से किया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार सिंह ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने बाल अधिकारों की सुरक्षा और लैंगिक अपराधों की रोकथाम में पुलिस अधिकारियों की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बाल अपराधों की जांच में संवेदनशीलता और कानूनी समझ आवश्यक है। इस प्रकार के प्रशिक्षण पुलिस अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन प्रभावी ढंग से करने में मदद करेंगे।
कार्यशाला में जिले की परियोजना अधिकारी श्रीमती मनीषा चौबे , जिले के विशेष किशोर पुलिस इकाई (SJPU) के नोडल अधिकारी, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी (CWPO) , बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, महिला एवं बाल विकासः विभाग , वन स्टॉफ सेन्टर, एवं अन्य सामाजिक संस्था और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। प्रशिक्षण के दौरान जन साहस संस्था के प्रशिक्षकों में एडवोकेट श्री विकास सूर्यवंशी एवं एडवोकेट श्री रवि जाटव ने POCSO अधिनियम, 2012 के विभिन्न प्रावधानों, भारतीय न्याय संहिता, 2024 (BNS) एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2024 (BNSS) के दिशानिर्देशों पर चर्चा की। प्रतिभागियों को केस स्टडी, समूह चर्चाओं और व्यवहारिक सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र पिपलोदीया ने किया। जन साहस से विनोद सूर्यवंशी जिला समन्वय, प्रिया सोलंकी, सविता वर्मा एवं ज्योति सूर्यवंशी का विशेष सहयोग रहा।
पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा,
“बाल अपराधों की रोकथाम और पीड़ितों को न्याय दिलाने में पुलिस अधिकारियों की संवेदनशीलता और कानूनी समझ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। POCSO अधिनियम और नई संहिताएँ पुलिस को सशक्त बनाती हैं, जिससे बालकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होती है। इस प्रकार की कार्यशालाएँ न केवल ज्ञानवर्धक हैं, बल्कि पुलिस अधिकारियों को व्यावहारिक कौशल प्रदान करने में भी सहायक हैं।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बाल अधिकार संरक्षण और लैंगिक अपराधों की रोकथाम के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाएंगे।
कार्यशाला में निरीक्षक श्री गगन बादल ने लैंगिक अपराधों की रोकथाम और महिला सुरक्षा के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों का कर्तव्य है कि वे समाज में ऐसा माहौल बनाएं, जहां महिलाएं और बच्चे बेखौफ रह सकें।
अपने प्रेरणादायक वक्तव्य का समापन करते हुए उन्होंने कहा,”मर्द हो तो इतना जुनून होना चाहिए कि यदि कोई महिला पास से गुजरे, तो वह बेखौफ होना चाहिए।” उनकी इस बात ने अधिकारियों को महिला सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने के लिए प्रेरित किया।
कार्यशाला में भाग लेने वाले अधिकारियों में विशेष किशोर पुलिस इकाई (SJPU) के नोडल अधिकारी एवं सदस्य शामिल थे। इनमें अति. पुलिस अधीक्षक निशा रेड्डी, अजाक थाना प्रभारी श्री गगन बादल, उप निरीक्षक विजय शुक्ला, श्री मानसिंह परमार, श्री अभिषेक पाल, श्रीमती सुनीता परिहार, सहायक उप निरीक्षक गोविंद सिंह शरावत, श्री राजेन्द्र मीणा , राजकुमार प्रजापत और सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मीनारायण चौहान, श्याम कुमार पाटीदार, एवं पूनम बैरागी उपस्थित रहे।
कार्यशाला का समापन जनसाहस एनजीओ की श्रीमती प्रिया सोलंकी द्वारा सभी प्रतिभागियों और प्रशिक्षकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।