▶️ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में लगातार दूसरे दिन ध्यान सत्र का सफल आयोजन
▶️ सूर्य नमस्कार, प्राणायाम एवं मेडिटेशन के माध्यम से पुलिस कर्मियों को मिली मानसिक सशक्तता की सीख
▶️ हार्टफुलनेस संस्था की सहभागिता से द्वितीय दिवस का अभ्यास अनुशासन व ऊर्जा से परिपूर्ण

पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह के निर्देशन में विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर जिला पुलिस लाइन आगर मालवा में आयोजित तीन दिवसीय ध्यान सत्र के अंतर्गत आज द्वितीय दिन भी ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रविन्द्र कुमार बोयट के मार्गदर्शन में किया गया। इस सत्र का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मानसिक रूप से सशक्त, एकाग्र एवं तनावमुक्त बनाना रहा।
आज के ध्यान सत्र के दौरान योगाचार्य राहुल सेन द्वारा उपस्थित पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सूर्य नमस्कार, प्राणायाम एवं अन्य श्वास-आधारित योग क्रियाओं का अभ्यास कराया गया। उन्होंने प्राणायाम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नियमित प्राणायाम से शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि, मानसिक स्थिरता एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है, जो पुलिस जैसे तनावपूर्ण कार्य में अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने श्वास-प्रश्वास की सही तकनीक, लयबद्ध अभ्यास तथा ध्यान से इसके संबंध को भी विस्तार से समझाया।
इसके पश्चात आरक्षक भागवत जाटव द्वारा उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मेडिटेशन का अभ्यास कराया गया। उन्होंने मेडिटेशन की प्रक्रिया, एकाग्रता की विधि तथा ध्यान के दौरान मन को स्थिर रखने के उपायों को सरल शब्दों में समझाया। उन्होंने बताया कि नियमित मेडिटेशन से मानसिक शांति, आत्मनियंत्रण, सकारात्मक सोच एवं निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे पुलिस कर्मी अपने कर्तव्यों का निर्वहन अधिक प्रभावी ढंग से कर सकते हैं।
द्वितीय दिवस के इस ध्यान सत्र में हार्टफुलनेस संस्था के जिला समन्वयक राजेंद्र स्वर्णकार, योगाचार्य राहुल सेन व उनकी टीम की सहभागिता रही। कार्यक्रम का उद्देश्य पुलिस बल में अनुशासन, मानसिक संतुलन एवं सकारात्मक कार्यसंस्कृति को प्रोत्साहित करना रहा।

इसके अतिरिक्त आज के कार्यक्रम के दौरान केयर हॉस्पिटल के डॉक्टर राहुल कामले द्वारा समस्त पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। उन्होंने सीपीआर देने की सही विधि, आपात स्थिति में समय की महत्ता, सीपीआर देते समय रखी जाने वाली आवश्यक सावधानियां, तथा किस प्रकार सीपीआर के माध्यम से हृदयाघात के मरीज की जान बचाई जा सकती है, इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सही समय पर सही तकनीक से दिया गया सीपीआर किसी भी व्यक्ति के जीवन को बचाने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को व्यावहारिक अभ्यास भी कराया गया, जिससे वे आवश्यकता पड़ने पर मौके पर ही त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान कर सकें।

तीन दिवसीय ध्यान सत्र का यह अभ्यास 21 दिसंबर 2025 तक निरंतर जारी रहेगा।
इस अवसर पर समस्त थाना एवं चौकी प्रभारी, सूबेदार जगदीश यादव, जितेंद्र शुक्ला सहित 100 से अधिक पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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