हत्या के सनसनीखेज प्रकरण में में अभियुक्त को आजीवन कारावास
पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार सिंह के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुश्री निशा रेड्डी व अनुविभागीय पुलिस अधिकारी आगर के मार्गदर्शन में, थाना प्रभारी बड़ौद श्री कृष्णकांत तिवारी के नेतृत्व और थाना बड़ौद पुलिस व अभियोजन अधिकारियों की कड़ी मेहनत के फलस्वरूप, जघन्य हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास एवं 1500 रुपये जुर्माने की सजा दिलवाने में सफलता प्राप्त की गई। माननीय द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, जिला आगर मालवा, श्री मधुसूदन जंघेल ने यह फैसला सुनाया।
घटना का विवरण
दिनांक 12 अक्टूबर 2023 को प्रातः 9:00 बजे, ग्राम बीजानगरी निवासी फरियादी चंद्रलाल पिता सवाजी मेघवाल ने थाना बड़ौद में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी पुत्री संगीता बाई, जिसकी शादी ग्राम कडवाला के नंदूलाल मेघवाल से हुई थी, अपने ससुराल नहीं जा रही थी। इस दौरान उसका संपर्क ग्राम चाचूरनी के अरबाज से हो गया और वह उसके साथ रहने लगी। इस पर फरियादी के पुत्र बगदूलाल को आपत्ति थी।
दिनांक 11 अक्टूबर 2023 को दोपहर करीब 3:00 बजे बगदूलाल, संगीता को चाचूरनी से वापस घर लेकर आया। रात में करीब 11:30 बजे खेत से लौटने के बाद वह सो गया। सुबह जब फरियादी उठा, तो उसने बगदूलाल के घर के दरवाजे पर साँकल लगी देखी। जब उसने दरवाजा खोला, तो अंदर संगीता का शव खून से लथपथ पड़ा था। तलवार से गला रेता गया था, और तलवार पास में पड़ी थी। फरियादी के अनुसार, उसकी बेटी के अन्य युवक के साथ रहने से नाराज होकर उसके छोटे बेटे बगदूलाल ने उसकी हत्या कर दी।
पुलिस कार्यवाही
थाना बड़ौद में इस मामले में अपराध क्रमांक 260/23, धारा 302 भादवि एवं 25 आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। पुलिस द्वारा आरोपी बगदूलाल पिता चंद्रलाल मेघवाल (उम्र 26 वर्ष, निवासी ग्राम बीजानगरी) को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों एवं तर्कों के आधार पर अभियुक्त को दोषी करार दिया गया।
न्यायालय का निर्णय
माननीय द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, जिला आगर मालवा, श्री मधुसूदन जंघेल ने अभियोजन पक्ष की दलीलों से सहमत होते हुए आरोपी को निम्नलिखित सजा सुनाई:
धारा 302 भादवि – आजीवन कारावास एवं 1500 रुपये का अर्थदंड।
प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री अनूप कुमार गुप्ता ने पैरवी की। साथ ही, पुलिस की ओर से उपनिरीक्षक दिलीप कटारा द्वारा प्रभावी विवेचना कर अभियुक्त को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा।