आगर पुलिस द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर सायबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के उपलक्ष्य में, वृद्धजनों में सायबर अपराधों की रोकथाम हेतु जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन करने हेतु निर्देशित किया गया था । इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार सिंह के मार्गदर्शन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुश्री निशा रेड्डी एवं अनुविभागीय पुलिस अधिकारी श्री मोतीलाल कुशवाहा और श्री देवनारायण यादव के नेतृत्व में समस्त थाना एवं चौकी स्तर पर वृध्दजनों के लिए सायबर जागरूकता कार्यक्रम संपन्न हुआ।

इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य वृद्धजनों को सायबर अपराधों से बचाने और उन्हें आवश्यक सावधानियों एवं सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक करना था ।

कार्यक्रम की रूपरेखा:

1.वृद्धाश्रम में जागरुकताः
आगर मालवा में स्थित “अपना घऱ” (वृद्धाश्रम) में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के उपलक्ष्य में आश्रम के वृद्धजन के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रुप मे जिला कलेक्टर श्री राघवेंद्र सिंह व पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार सिंह शामिल हुए। कार्यक्रम में उद्भोदन के दौरान पुलिस अधीक्षक श्री सिंह ने वृद्धजन दिवस के इतिहास , उनका समाज के प्रति योगदान पर प्रकाश डाला व सभी वृद्धजनों को शॉल एवं श्रीफल भेंट किए। कार्यक्रम में जिला सायबर सेल टीम द्वारा सेवानिवृत्त /वृद्धजनों को सायबर संबंधी अपराध व उनसे बचाव हेतु सावधानियों के बारे में बताया गया।

2. धार्मिक स्थलों पर जागरूकता:
धार्मिक स्थलों पर भी सायबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
3. बीट क्षेत्र में जागरूकता:
थाना बीट में रहने वाले वृद्धजनों के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
4. पोस्टर और पेम्पलेट वितरण:
व्यस्त इलाकों में सायबर अपराध जागरूकता के पोस्टर और पेम्पलेट वितरित किए गए।

सोशल मीडिया पर प्रचार:
सायबर अपराधों की रोकथाम संबंधी जानकारी फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर (एक्स) और व्हाट्सएप्प पर वृद्धजन ग्रुपों में साझा की गई।

पुलिस टीम द्वारा वृद्धाश्रम, धार्मिक स्थलों व बीट क्षेत्र में जाकर सेवानिवृत्त/ वृद्धजनों के समक्ष सायबर अपराध से सुरक्षा संबंधी निम्नलिखित महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए-

क्या करेः-

1) एटीएम बूथ पर किसी अनजान व्यक्ति से सहायता न लें, हो सके तो किसी परिचित को अपने साथ ले जाएं।

2) बैंक, बीमा कंपनी, कोषालय, पेंशन कार्यालय आदि के नाम से जीवन प्रमाण पत्र, पेन कार्ड या किसी अन्य प्रयोजन हेतु कॉल, एसएसएस, ईमेल या वाट्सएप मेसेज प्रतिरूपण या धोखाधड़ी पूर्ण भी हो सकते है। एसे कॉल मेसेज आने पर सीधे संबंधित कार्यालय जाकर संपर्क करें, कॉल पर किसी दस्तावेज या जानकारी का आदान-प्रदान न करें।

3) जीवन बीमा पॉलिसी के बोनस या अन्य प्रलोभन हेतु कॉल आने पर सत्यापन, प्रोसेसिंग फीस या अन्य चार्जेस के नाम पर किसी खाते में रूपए ट्रांसफर न करें, न ही कोई जानकारी प्रदान करें। सीधे जीवन बीमा कंपनी के कार्यालय में जाकर संपर्क करें।

4) पुलिस या जाँच एजेंसियों के नाम पर कॉल कर बच्चों या नाती-पोतो का किसी अपराध में गिरफ्तारी का भय दिखाकर पैसे की मांग करने वालों से सावधान रहें, किसी खाते में पैसे जमा न करें।

5) यदि आपके पास बिजली व अन्य किसी सेवा के बिल के बकाया होने पर कनेक्शन काटने की भय दिखाकर तुरंत पेमेंट करने का मैसेज या कॉल आता है तो तुरंत पेमेंट न करें पहले संबंधित कार्यालय में संपर्क करें।

6) कॉल, एसएमएस या ईमेल आदि पर ऑनलाइन लॉटरी, कैशबैक, जॉब, लोन, बीमा, शॉपिंग, केबीसी आदि के नाम से आने वाले विभिन्न प्रलोभनो से सावधान रहें।

7) किसी संस्थान/कंपनी का कस्टमर केयर संपर्क की जानकारी के लिये उसकी अधिकारिक वेबसाइट का प्रयोग करें, गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन से नम्बर खोजकर संपर्क न करें। कभी कभी अपराधी गलत नंबर देकर झांसे में लेते हैं।

8) अपने ईमेल, सोशल मीडिया, ई-वालेट्स, नेटबैंकिंग आदि के पासवर्ड मजबूत रखें एवं नियमित अंतराल से बदलते रहें।
9) अपने सभी प्रकार के पासवर्ड अलग-अलग रखें।

10) दो-स्तरीय पहचान सत्यापन प्रणाली (टू-स्टेप वेरीफिकेशन टू-फेक्टर ऑथेंटिकेशन) को हमेशा चालू करके रखें ताकी कोई अनजान व्यक्ति आपके प्रोफाइल आदि को लॉगिन न कर सके।

11) सोशल मीडिया, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि पर इंवेस्टमेंट, टास्क, ट्रेडिंग आदि पर लाभ पहुंचाने के नाम पर ठगी की जा रही है, इस तरह के ग्रुप में न जुड़ें न ही किसी तरह का पेमेंट करें।
12) यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध होता है तो उसकी शिकायत सायबर क्राइम हेल्पलाइन नं. 1930 पर दर्ज करें या निकटतम पुलिस थाने व नेशनल सायबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर करें ।

क्या न करें :-

1) वृद्धजन सोशल मीडिया का उपयोग सावधानी से करें, सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्तियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
2) फेसबुक, इंस्टाग्राम, जीमेल व अन्य प्रचलित वेबसाइटों की तरह हूबहू दिखने वाली वेबसाइट पर सीधे लॉगिन न करें पहले उस वेबसाइट की यूआरएल जांच लें कहीं वह गलत तो नहीं, सामान्यतः असली वेबसाइट का यूआरएल https से शुरू होता है। जालसाज असली वेबसाइट जैसे हूबहू दिखने वाले पेज बनाकर लोगों की प्रोफाईल हेक कर रहें हैं।

3) अपने किसी भी प्रकार का पिन, पासवर्ड आदि कहीं लिख कर न रखें, न ही किसी के साथ साझा करें।
4) व्हाट्सएप या अन्य मेसेंजर पर आने वाले वीडियो कॉल को स्वीकार न करें जब तक की आप संबंधित व्यक्ति को जानते न हों।
5) अपनी निजी तस्वीरें, वीडियोज आदि किसी के साथ साझा न करें।
6) अनजान व्यक्तियों द्वारा भेजे गए किसी लिंक पर क्लिक न करें न ही कोई एप्लीकेशन इंस्टाल करें ।
7) ऑनलाइन मित्र द्वारा भेजा गया महंगा गिफ्ट आदि प्राप्त करने के लालच में कस्टम ड्यूटी, एक्सचेंज चार्ज आदि के नाम पर कभी भी पैसा जमा न करें।
8) किसी भी व्यक्ति के कहने पर एनीडेस्क, टीम व्यूअर, क्विक सपोर्ट आदि एप्लीकेशन इंस्टाल न करें जब तक की आपको उन एप्लीकेशन के बारे में जानकारी न हो व आपको उन्हें उपयोग करना न आता हो। ऐसा करने से आपके साथ वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है।
9) यदि आपको कोई यूपीआई पेमेंट करता है और वह कहता है कि आप पेमेंट स्वीकार करें तथा यूपीआई पिन एंटर करें तो ऐसा न करें। हमेशा ध्यान रखें पेमेंट करते समय यूपीआई पिन डालना होता है, पेमेंट स्वीकार करते समय नहीं।

पुलिस की टीम द्वारा वृद्धजन समुदाय के संवाद कर उन्हें सायबर अपराधों के प्रति जागरूक किया गया। इस पहल से उम्मीद है कि वृद्धजन सायबर सुरक्षा के प्रति जागरूक होंगे और अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा कर सकेंगे।

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