आगर मालवा पुलिस द्वारा डिजिटल अरेस्ट, साइबर फ्रॉड और नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता अभियान का आयोजन

आगर मालवा पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार सिंह के निर्देशानुसार समस्त जिले में थाना स्तर पर डिजिटल अरेस्ट, साइबर फ्रॉड और नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता अभियान आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों को डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा, साइबर अपराधों से बचाव और नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना है।

पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार सिंह द्वारा नई कृषि उपज मंडी आगर में उपस्थित नागरिकों को डिजिटल अरेस्ट, साइबर अपराध व उससे बचाव हेतु विस्तृत चर्चा कर जागरुक किया गया। इसी तारतम्य में थाना सुसनेर पुलिस टीम द्वारा शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्राओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रहने, साइबर फ्रॉड से बचाव, और अपनी निजी जानकारी सुरक्षित रखने के उपाय बताए गए। थाना नलखेड़ा पुलिस टीम द्वारा शासकीय स्कूल, धरोला में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों और शिक्षकों को साइबर अपराधों की पहचान और उनसे बचने के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। थाना बड़ौद पुलिस टीम ने सीएम राइज शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय, बड़ौद में डिजिटल अरेस्ट और नशा मुक्ति के मुद्दों पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों को नशे के दुष्प्रभाव, साइबर धोखाधड़ी की पहचान, और सही समय पर पुलिस की मदद लेने की प्रक्रिया समझाई गई। थाना कानड़ पुलिस टीम द्वारा थाना परिसर में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण नागरिकों और युवाओं को डिजिटल सुरक्षा, साइबर फ्रॉड और नशा मुक्ति के उपायों पर जागरूक किया गया।
डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के प्रति संदेश साइबर अपराधों में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। पुलिस ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण उपाय बताए:
1. डिजिटल अरेस्ट:
इस तरह के साइबर अपराध में अपराधी आम नागरिकों को विभिन्न इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों (जैसे पुलिस, सीबीआई, ईडी, एनआईए, कस्टम) के वरिष्ठ अधिकारी बनकर कॉल या व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क करते हैं। यह अपराधी लोगों को डराकर और भ्रमित करके उनसे बड़ी रकम ठगते हैं। पुलिस ने बताया कि साइबर अपराधियों की पहचान और कानूनी कार्रवाई के लिए डिजिटल उपकरणों और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
• अतैव किसी भी अंजान नंबर, विशेषकर +91 से शुरू होने वाले नंबरों के अलावा अन्य नंबर से कॉल या व्हाट्सऐप कॉल न उठाएं।
• भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। अतः ऐसी किसी धमकी पर विश्वास न करें और खुद को किसी कमरे में बंद न करें।

• अपनी निजी जानकारी, जैसे आधार नंबर, बैंक खाता या पासवर्ड, किसी से साझा न करें।
• कोई भी सरकारी एजेंसी किसी निजी खाते में पैसा जमा करने का निर्देश नहीं देती।
• इस प्रकार के साइबर अपराध का शिकार होने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं: पुलिस थाना, www.cybercrime.gov.in, Cyber Crime Helpline (Toll-Free): 1930,
2. साइबर अपराध से बचाव:
• किसी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।
• अपने बैंक खाते और व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय रखें।
• ऑनलाइन लेन-देन के लिए सुरक्षित प्लेटफॉर्म का उपयोग करें।
3. साइबर अपराध की रिपोर्ट कैसे करें:
• साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
• नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल से संपर्क करें।

नशा मुक्ति के प्रति अपील

नशा हमारे समाज और युवाओं के लिए एक गंभीर समस्या है। नशे के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि यह न केवल व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि परिवार और समाज पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। युवाओं से अपील की गई कि वे नशे से दूर रहें और स्वस्थ जीवन जीने के लिए खेल-कूद, शिक्षा और सामाजिक गतिविधियों में भाग लें।

आगर मालवा पुलिस द्वारा नागरिकों से अपील की कि वे साइबर सुरक्षा और नशा मुक्ति के प्रति जागरूक रहें। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग हर स्तर पर नागरिकों को जागरूक और सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। जिला पुलिस प्रशासन द्वारा इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम भविष्य में भी निरंतर आयोजित किए जाएंगे ताकि समाज को साइबर अपराध और नशा जैसी बुराइयों से मुक्त किया जा सके।

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