आगर मालवा पुलिस एडवाइजरी: सायबर अपराधियों द्वारा डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के संबंध में जागरूकता
पिछले कुछ समय से साइबर अपराध का एक नया तरीका सामने आया है, जिसमें अपराधी आम नागरिकों को विभिन्न इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों (जैसे पुलिस, सीबीआई, ईडी, एनआईए, कस्टम) के वरिष्ठ अधिकारी बनकर कॉल या व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क करते हैं। यह अपराधी लोगों को डराकर और भ्रमित करके उनसे बड़ी रकम ठगते हैं।
कार्यप्रणाली (MODUS OPERANDI):
अपराधी विदेशी नंबरों, विशेषकर +92 (पाकिस्तान) या अन्य देशों के नंबरों से कॉल करते हैं।
कॉल में यह बताया जाता है कि आपके पैन या आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हुए नारकोटिक्स से संबंधित पार्सल भेजा गया है।
वे खुद को NCB, CID, ED, या NIA का अधिकारी बताकर, कभी कॉल तो कभी व्हाट्सऐप वीडियो कॉल के जरिए फर्जी नोटिस भेजते हैं।
यह कहा जाता है कि आपके नाम से एक मामला दर्ज है और आपको जमानत शुल्क या कोर्ट फीस के नाम पर पैसे देने होंगे।
वीडियो कॉल के दौरान, फर्जी पुलिस अधिकारी या नकली नोटिस दिखाकर, आपको डराने की कोशिश की जाती है।
अंततः यह कहा जाता है कि मामला सुलझाने के लिए आपको अपना पैसा आरबीआई या भारत सरकार के खाते में जमा करना होगा।
इस प्रक्रिया में, आपको डराकर आपकी निजी जानकारी और बैंक खातों का विवरण हासिल कर लिया जाता है।
सावधानियां (PRECAUTIONS):
किसी भी अंजान नंबर, विशेषकर +92 से शुरू होने वाले नंबरों से कॉल या व्हाट्सऐप कॉल न उठाएं।
भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। अतः ऐसी किसी धमकी पर विश्वास न करें और खुद को किसी कमरे में बंद न करें।
अपनी निजी जानकारी, जैसे आधार नंबर, बैंक खाता या पासवर्ड, किसी से साझा न करें।
कोई भी सरकारी एजेंसी किसी निजी खाते में पैसा जमा करने का निर्देश नहीं देती।
इस प्रकार के साइबर अपराध का शिकार होने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं:
पुलिस थाना, www.cybercrime.gov.in, Cyber Crime Helpline (Toll-Free): 1930, आगर मालवा पुलिस कंट्रोल रूम: 7587622800
सायबर अपराध से बचने के उपाय
क्या करें:
विश्वसनीय सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करें, ऑनलाइन डेटिंग साइट्स से दूर रहें।
ईमेल आईडी, सोशल मीडिया प्रोफाइल्स, ई वॉलेट्स नेटबैंकिंग आदि के पासवर्ड मजबूत रखें एवं नियमित अंतराल पर बदलते रहें।
टू-स्टेप वेरिफिकेशन/ टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू रखें।
सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग के माध्यम से अपनी निजी जानकारियां छुपाकर रखें एवं प्रोफाइल लॉक रखें।
इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स में खराबी आने पर, विश्वसनीय व्यक्ति से अपने सामने रिपेयर कराएं।
पुराने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बेचने से पूर्व मेमोरी का डाटा वाइप कर फेक्ट्री रिसेट करें, जिससे कोई आपका निजी डाटा स्किवर न कर सके।
ऑनलाइन लॉटरी केबीसी, कैशबैक, जॉब, लोन, बीमा, शॉपिंग ऑफर्स आदि प्रलोभनों से सावधान रहें।
वैवाहिक धोखाधड़ी से सावधान रहें। मेट्रोमोनियल साइट्स पर प्रोफाइल में दी गई जानकारियों को विश्वसनीय सूत्रों से सत्यापित करलें।
ऑनलाइन शॉपिंग के लिए मान्यता प्राप्त ई-कॉमर्स वेबसाइट्स एप्स का ही प्रयोग करें।
किसी संस्थान कंपनी का कस्टमर केयर संपर्क की जानकारी के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट्स एप्स का प्रयोग करें, गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन पर न खोजें।
क्या न करें:
सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
अपने पिन/पासवर्ड आदि कभी भी किसी के साथ साझा न करें, और न ही कहीं लिखकर रखें।
अनजान नंबरों से आए वीडियो कॉल रिसीव न करें।
ऑनलाइन चैट पर आपत्तिजनक/अंतरंग फोटो/वीडियो आदि साझा न करें।
अपने मोबाइल, कंप्यूटर आदि पर कभी भी अंतरंग/निजी फोटो/वीडियो आदि निर्मित न करें।
सोशल मीडिया पर किसी मित्र द्वारा मजबूरी बताकर पैसों की मांग करने पर तुरंत पैसे जमा न करें, पहले किसी अन्य विश्वसनीय माध्यम से पुष्टि कर लें।
किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
ऑनलाइन मित्र से एकांत में अकेले मिलने न जाएं।
ऑनलाइन मित्र द्वारा भेजा गया महंगा गिफ्ट आदि प्राप्त करने के लालच में कस्टम ड्यूटी, एक्सचेंज चार्ज आदि के नाम पर कभी भी पैसा जमा न करें।
किसी व्यक्ति के कहने पर कोई एप्लीकेशन जैसे एनीडेस्क, टीम व्यूअर, क्विक सपोर्ट आदि अपनी डिवाइस पर इंस्टॉल न करें।
आगर मालवा पुलिस आम नागरिकों से अपील करती है कि वे सतर्क रहें और साइबर अपराधियों के झांसे में न आएं। जागरूक रहें, सतर्क रहें, और किसी भी प्रकार की ठगी से बचने के लिए अपने परिवार और समाज को भी इन सावधानियों की जानकारी दें।
“आपकी सुरक्षा, हमारा कर्तव्य”
आगर मालवा पुलिस